नाउ प्राइम न्यूज़. Now Prime News
देवबंद/सहारनपुर। इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र माने जाने वाले दारुल उलूम में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को जल्द हटा दिया जाएगा। महिलाएं कुछ शर्तों के साथ फिर से दारुल उलूम और एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया को देख सकेंगी।
इसके लिए प्रबंधन नए नियम बनाने पर विचार कर रहा है।
नवीन सत्र के आरंभ होने के साथ ही दारुल उलूम प्रबंधन ने छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए नियमों को सख्त किया हुआ था। जिससे छात्र पढ़ाई पर ही ध्यान क्रेंद्रित रखें, लेकिन बाहर से संस्था को देखने के लिए आने वाली महिलाओं की भीड़ की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। इतना ही नहीं महिलाएं पर्दे का ख्याल न रखते हुए यहां रील बना रही थीं। जिन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा था। इससे संस्था की बदनामी हो रही थी। लगातार इसकी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। बीती 17 मई को सभी बातों को मद्देनजर रखते हुए प्रबंधन ने संस्था में महिलाओं के प्रवेश पर पूर्णतया पाबंदी लगा दी थी। इसकी वजह से दारुल उलूम को देखने की ख्वाहिश लेकर देवबंद पहुंचने वाली महिलाओं को मायूस होकर लौटना पड़ रहा था। लगातार इस तरह की जानकारियां संस्था को मिल रही थीं। जिसके बाद दारुल उलूम ने अब रुख थोड़ा नरम किया है।
सोमवार को संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि संस्था में पुन: महिलाओं के प्रवेश को लेकर विचार किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद जल्द ही महिलाओं को संस्था में कुछ शर्तों के साथ भीतर आने की अनुमति दी जाएगी।
यह हो सकते हैं नए नियम
दारुल उलूम के सूत्र बताते हैं कि प्रबंधतंत्र नए नियमों के तहत संस्था में फोटोग्राफी को पूर्णतया वर्जित कर सकता है। इतना ही नहीं महिला या पुरुष किसी को संस्था के भीतर या बाहर के परिसर में रील बनाने की इजाजत नहीं होगी। बताया यह भी गया है कि प्रबंधन विचार कर रहा है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति संस्था के भीतर मोबाइल न लेकर जाए। खासकर एक एंट्री पास भी तैयार किया जा रहा है। जिसके बगैर किसी को अंदर जाकर घूमने की अनुमति नहीं होगी।