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मुंबई में NCP के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई
तीन हमलावरों ने उन पर तीन गोलियां चलाईं. उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.
शनिवार रात करीब 9.30 बजे ऑफिस से निकले थे। तभी एक कार से तीन लोग बाहर निकले। तीनों ने मुंह पर रूमाल बांधा हुआ था। उन्होंने दो बंदूकों से 6 राउंड गोलियां फायरिंग की। 2 गोलियां सिद्दकी के पेट पर और 1 सीने पर लगी। 1 गोली सिद्दीकी के साथ मौजूद शख्स के पैर में लगी। वहीं, दो गोलियां सिद्दीकी की कार पर भी लगीं।
सूत्रों के मुताबिक हमले के वक्त स्ट्रीट लाइटें बंद थीं। मौके पर CCTV भी नहीं थे। सिद्दीकी की कार बुलेटप्रूफ थी, फिर भी बुलेट शीशे में घुसी। माना जा रहा है कि हमलावरों के पास 9.mm की एडवांस्ड पिस्टल थी। सिद्दीकी को 15 दिन पहले जान से मारने की भी धमकी दी गई थी। उन्हें Y लेवल की सुरक्षा भी मिली थी। फिर भी उनके साथ कॉन्स्टेबल नहीं थे।दिलचस्प बात यह है कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. इसके बावजूद उनकी हत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
बता दें कि बाबा सिद्दीकी ने 15 दिन पहले बताया था कि उनकी जान को खतरा है. इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बताया था. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से उन्हें वाई लेवल की सुरक्षा दी गई थी. सिद्दीकी की मौत ने सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
उनके बेटे जीशान सिद्दीकी का बांद्रा ईस्ट में ऑफिस है. शुरुआती जानकारी है कि तीन लोगों ने इस दफ्तर के बाहर फायरिंग की. उन्हें दो से तीन गोलियां लगी थीं. घायल हालत में उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक मामले की जांच कर रहे हैं। CM एकनाथ शिंदे ने कहा- दो आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें से एक यूपी का है, दूसरा हरियाणा का है। तीसरा आरोपी फरार है।
सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी और जीशान सिद्दीकी घर जाने के लिए एक साथ ऑफिस से निकले थे, लेकिन तभी जीशान को फोन आया और वे वापस ऑफिस के अंदर चले गए. हमलावरों ने दोनों को एक साथ मारने की योजना बनाई थी.
बाबा सिद्दीकी कौन थे?
बाबा सिद्दीकी का नाम बॉलीवुड में बहुत मशहूर था. बॉलीवुड में इफ्तार पार्टियां अक्सर चर्चा में रहती थीं. इफ्तार पार्टी में शाहरुख खान और सलमान खान के बीच हुई बहस को बाबा सिद्दीकी ने मेलमिलाप करावाया था. इसलिए उनकी काफी चर्चा हुई थी.
विधायक बाबा सिद्दीकी NCP (अजीत पवार गुट) में शामिल हुए थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने इसी साल 8 फरवरी को कांग्रेस छोड़ी थी। 2 दिन बाद 10 फरवरी को अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए थे। सिद्दीकी ने मुंबई में डिप्टी सीएम अजित पवार और NCP के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल सहित दूसरे नेताओं की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की थी।
सिद्दीकी छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े रहे
बाबा सिद्दीकी का पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी है। वे 1977 में अपने छात्र जीवन में ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए थे। बाबा ने मुंबई के एमएमके कॉलेज से पढ़ाई की। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद बाबा साल 1992 और 1997 में दो बार बीएमसी नगर निगम पार्षद चुने गए।
इसके बाद बाबा 1999, 2004 और 2009 में तीन बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से अभी कांग्रेस के विधायक हैं और मुंबई युवा कांग्रेस के नेता भी रहे
बाबा सिद्दीकी घड़ी सुधारने का काम करते.
बाबा सिद्दीकी हर साल रमजान के दौरान अपनी इफ्तार पार्टी के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इसमें राजनीतिक हस्तियों के साथ बड़े फिल्मी सितारे भी शामिल होते हैं। उनकी पार्टी में बॉलीवुड अभिनेता सलमान और शाहरुख खान तक नजर आ चुके हैं। कहा जाता है कि सलमान और शाहरुख के बीच सुलह भी बाबा सिद्दीकी ने ही कराई थी।
बाबा सिद्दिकी रखते हैं आलीशान इफ्तार पार्टी का आयोजन
बता दें कि बाबा सिद्दीकी हर साल ही एक बड़ी और आलीशान इफ्तार पार्टी का आयोजन किया करते थे। इस पार्टी में ना केवल राजनीति के लोग बल्कि पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री इस पार्टी में नजर आती थी। सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त तो बाबा सिद्दीकी के खास दोस्त थे। वहीं बता दें कि जैसे ही बाबा सिद्दीकी की हत्या की खबर बॉलीवुड सितारों को लगी वह बाबा सिद्दीकी से मिलने के लिए देर रात अस्पताल पहुंचे।
बाबा सिद्दिकी की मौत की खबर सुनते ही भागे चले आए ये सितारे
लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक एनसीपी नेता बाबा सिद्दिकी से मिलने के लिए संजय दत्त, सलमान खान, महाराष्ट्र डिप्टी चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस खबर मिलते ही सीधे अस्पताल पहुंचे। वहीं ऐसी उम्मीदें जताई जा रही हैं कि अन्य सितारे भी रात में ही बाबा सिद्दिकी से मिलने के लिए अस्पताल पहुंच सकते हैं।
सिद्दीकी ने कहा था- कांग्रेस ने मुझे करी पत्ते जैसे इस्तेमाल किया
NCP की सदस्यता लेने के बाद बाबा सिद्दीकी ने कहा था- कांग्रेस में मुझे करी पत्ते की तरह इस्तेमाल किया गया, जिसका काम सिर्फ स्वाद बढ़ाना होता है। जब आपकी बात न सुनी जाए तो आप किनारा कर ही लेते हैं। अब चिड़िया खेत चुग गई है।
सिद्दीकी ने कहा- मैं 48 साल तक कांग्रेस से जुड़ा रहा। इतने समय में लोगों की जिंदगी निकल जाती है। मैं मोटी चमड़ी का नहीं हूं। इसलिए मुझे पार्टी छोड़ते वक्त दुख हुआ। रोज रोने से अच्छा है कि आप दूर हो जाएं। कांग्रेस को सिर्फ वोट चाहिए। उन्हें कुछ देना नहीं है।
बाबा के कई दोस्त बाद के सालों में सुपरस्टार बने. बाबा ने इन्हीं नेटवर्क के जरिए वांद्रा इलाके में अपनी पकड़ मजबूत की. वांद्रा इलाके में उत्तर भारतीय मुसलमानों की तादाद काफी ज्यादा है.
1995 में वांद्रा सीट पर कांग्रेस के सलीम जकारिया चुनाव हार गए. 1999 में जब विलासराव देशमुख ने कांग्रेस की बागडोर संभाली तो उन्होंने वांद्रा से सलीम की जगह बाबा सिद्दीकी को टिकट दिया.
सुनील दत्त के संपर्क में आए और खुल गई किस्मत
कहा जाता है कि बाबा सिद्दीकी को पहली बार टिकट देने और दिलाने में कांग्रेस नेता सुनील दत्त का बड़ा रोल था. कहा जाता है कि सुनील के कहने पर ही विलासराव देशमुख ने बाबा को टिकट दिलवाए थे. ऐसे में बाबा की लॉटरी लग गई. वांद्रा में टिकट मिलने के बाद बाबा ने अपने सारे घोड़े खोल दिए.
1999 में बाबा को जीत मिली और वे पहली बार विधायक चुने गए. बाबा इसके बाद लगातार तीन बार विधायक रहे. उन्हें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी बनाया गया.
विधायक और मंत्री बनने के बाद बाबा की साख में बढ़ोतरी हुई. उनके घर बड़े-बड़े सुपरस्टार आने लगे. बाबा सिद्दीकी हर साल रमजान में इफ्तारी देने लगे, जिसमें शाहरूख और सलमान जैसे सुपरस्टार के आने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी.
2014 में हार के बाद गर्दिश में सितारे
2014 में बाबा सिद्दीकी को वांद्रा वेस्ट सीट से बीजेपी के आशीष शेलार ने पटखनी दे दी. सिद्दीकी 2019 में भी इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया. सिद्दीकी को संगठन में भेज दिया गया.
हालांकि, कांग्रेस ने बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान को विधायकी का टिकट जरूर दिया. जीशान 2019 में कांग्रेस के टिकट पर वांद्रा ईस्ट से जीतने में भी कामयाब रहे. जीशान मुंबई युथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सिद्दीकी मुंबई की नॉर्थ सीट से लोकसभा लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. सिद्दीकी इसके बाद एनसीपी (अजित) में चले गए. शुक्रवार को सिद्दीकी अजित पवार के साथ एक मंच पर नजर आए थे.
25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए बाबा
बाबा सिद्दीकी के पास 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति थी. यह जानकारी उन्होंने अपने चुनाव से जुड़े एफिडेविट में दी थी. 2014 में बाबा आखिरी बार चुनाव लड़े थे. 2019 में उनके बेटे जीशान ने बताया था कि उनके पास 8 करोड़ की संपत्ति है.
2018 में बाबा सिद्दीकी पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की थी और उनसे जुड़ी 462 करोड़ की एक प्रॉपटी जब्त कर ली थी.